मिसाइल फायरिंग मामले में वायुसेना ने 3 अधिकारियों को किया बर्खास्त
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भारतीय वायु सेना (IAF) कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (कर्नल) ने पाकिस्तान में ब्रह्मोस मिसाइल की आकस्मिक फायरिंग के मामले में भारतीय वायु सेना के तीन अधिकारियों की सेवा समाप्त कर दी है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
वायुसेना की जांच रिपोर्ट में तीनों अधिकारियों को एसओपी (SOP) का पालन ना करने का दोषी पाया गया है।
ब्रह्मोस मिसाइल को 9 मार्च 2022 को गलत तरीके से दागी गई थी।
घटना क्या थी ?
गौरतलब है कि इसी साल 9 मार्च को भारत की एक 'अनआर्म्ड' सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल निरीक्षण के दौरान अनजाने में पाकिस्तान के मिया चन्नू इलाके में गिर गई थी।
इस घटना में किसी की जान तो नहीं गई थी लेकिन जिस कोल्ड-स्टोरज पर यह जाकर गिरी थी वो पूरी तरह से नष्ट हो गया था।
पाकिस्तान ने इस घटना को लेकर कड़ा ऐतराज जताया था और एक साझा-जांच की मांग की थी।
भारत सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे, साथ ही मिसाइलों के रखरखाव से जुड़े एसओपी की भी समीक्षा के आदेश दिए थे।
ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में :
ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है।
इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है।
इसे रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है।
अतिरिक्त जानकारी -
ब्रह्मोस की विशेषताएँ :
यह हवा में ही मार्ग बदल सकती है और चलते फिरते लक्ष्य को भी भेद सकती है।
यह 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड में नहीं आती।
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