प्रधान मंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत के बाद से 38 करोड़ से अधिक ऋण प्रदान किए गए

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14 मार्च को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किसानराव कराड ने कहा कि अप्रैल 2015 में प्रधान मंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत के बाद से अब तक38 करोड़ से अधिक ऋण दिए गए हैं। 

खबर का अवलोकन

  • उन्होंने बताया कि इसमें से 26 करोड़ से अधिक ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए हैं। 

  • लगभग 20 करोड़ ऋण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के कर्जदारों को दिए गए हैं।

  • श्रम और रोजगार मंत्रालय ने प्रधान मंत्री मुद्रा योजना के तहत रोजगार सृजन का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा नमूना सर्वेक्षण किया था।

  • सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, इस योजना के द्वारा 2015 से 2018 तक देश में 1 करोड़ 12 लाख शुद्ध अतिरिक्त रोजगार पैदा किया गया है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

  • इसे 8 अप्रैल 2015 को लॉन्च किया गया था।

  • योजना के तहत देश के लोगों को अपना लघु व्यवसाय शुरू करने के लिए अधिकतम 10 लाख तक का ऋण दिया जाता है।

  • कोई भी व्यक्ति जो अपने व्यापार को आगे बढ़ाना चाहता है इस योजना के तहत लोन ले सकता है।

  • इस योजना के तहत ऋण लेने के लिए लोगों को मुद्रा कार्ड जारी किया जाता है।

  • ऋण बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), सूक्ष्म वित्तीय संस्थानों (एमएफआई) और अन्य वित्तीय मध्यस्थों के माध्यम से प्रदान किए जाते हैं।

  • योजना के तहत खोले गए 64 प्रतिशत से अधिक ऋण खाते महिलाओं के हैं।

मुद्रा योजना के तहत तीन प्रकार के ऋण

  1. शिशु- 50,000 रुपये तक का ऋण।

  2. किशोर - 50,000 रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये से कम का ऋण।

  3. तरुण- रु. 5 लाख से अधिक और रु. 10 लाख तक का ऋण।

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