पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: यूपी
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खबरों में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया।
इसका उद्देश्य भारत में भविष्य के औद्योगिक शहरों का विकास करना है जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण और निवेश स्थलों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
मुख्य विचार:
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लगभग 341 किलोमीटर लंबा है।
- यह लखनऊ जिले के चंदसराय गांव से शुरू होता है और गाजीपुर जिले में यूपी-बिहार सीमा से 18 किमी दूर गाजीपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर हैदरिया गांव में समाप्त होता है।
- यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है।
विशेषताएं:
- इसमें विमानों की आपातकालीन लैंडिंग के लिए सुल्तानपुर जिले के निकट अखलकिरी कारवत गांव में 3.2 किमी लंबी हवाई पट्टी शामिल है।
- इसमें वाहनों के लिए सीएनजी स्टेशन, इलेक्ट्रिक रिचार्ज स्टेशन होंगे और इसे आगरा और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के जरिए डिफेंस कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा।
- एक औद्योगिक गलियारा मूल रूप से एक गलियारा है जिसमें बहु-मोडल परिवहन सेवाएं शामिल हैं जो राज्यों से मुख्य धमनियों के रूप में गुजरती हैं।
- यह वर्तमान में छह लेन चौड़ा राजमार्ग है और भविष्य में इसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है।
पृष्ठभूमि:
- इस परियोजना की घोषणा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मई 2015 में लखनऊ-आजमगढ़-बलिया एक्सप्रेसवे के रूप में की थी।
- बाद में योगी आदित्यनाथ सरकार ने रूट बदलकर लखनऊ-आजमगढ़-गाजीपुर कर दिया। 14 जुलाई, 2018 को प्रधान मंत्री मोदी द्वारा एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी गई थी।
- कुल परियोजना मूल्य 22494 करोड़ रुपये है।
यूपीडा(UPEIDA-Uttar Pradesh Expressways Industrial Development Authority) के बारे में:
- UPEIDA का मतलब उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण है।
- यह 2007 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में एक्सप्रेसवे परियोजनाओं को विकसित करने के लिए स्थापित किया गया था।
- इस परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) को दी गई है।
लाभ:
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों, विशेष रूप से लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़ जिलों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने जा रहा है।
- एक बार इसे जनता के लिए खोल देने के बाद लखनऊ से गाजीपुर तक की यात्रा का समय 6 घंटे से घटकर 3.5 घंटे हो जाएगा।
- यह लगभग बिहार सीमा तक एनसीआर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच एक सीधा संपर्क स्थापित करता है।
- यह एक्सप्रेस-वे पूर्वी यूपी की रीढ़ (आधार) साबित होगा।
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