न्यूजीलैंड ने तंबाकू एंडगेम पर विधेयक पेश किया

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न्यूजीलैंड की संसद ने हाल ही में वर्ष 2025 तक धूम्रपान मुक्त होने की अपनी योजना को पूरा करने के लिए धूम्रपान मुक्त पर्यावरण और विनियमित उत्पाद (स्मोक्ड टोबैको) संशोधन विधेयक पेश किया।

तंबाकू एंडगेम पर न्यूज़ीलैंड का विधेयक

  • ‘टोबैको एंडगेम’ एक नीतिगत दृष्टिकोण को संदर्भित करता है जो 'तंबाकू मुक्त भविष्य' के उद्देश्य से तंबाकू से होने वाली बीमारी को समाप्त करने पर केंद्रित है।

  • विधेयक में धूम्रपान को महत्त्वपूर्ण रूप से कम करने या इसे समाप्त करने के लिये तीन रणनीतियों की मांग की गई है।

  • यदि विधेयक को लागू किया जाता है तो यह दुनिया का पहला कानून होगा जो अगली पीढ़ी को कानूनी रूप से सिगरेट खरीदने से रोकेगा।

प्रस्तावित रणनीतियाँ

  • तंबाकू में निकोटीन (जिसे "डिनिकोटिनाइज़ेशन" या "बहुत कम निकोटीन सिगरेट- VLNC” के रूप में जाना जाता है) की मात्रा को काफी कम कर देना ताकि नशे की लत न हो।

  • तंबाकू बेचने वाली दुकानों की संख्या में 90% से 95% की कमी।

  • 1 जनवरी, 2009 को या उसके बाद पैदा हुए लोगों को तंबाकू बेचना अवैध (इस प्रकार "धूम्रपान मुक्त पीढ़ी") बनाना।

तंबाकू सेवन की वर्तमान स्थिति

वैश्विक

  • दुनिया भर में हर चार में से एक व्यक्ति तंबाकू का सेवन करता है

  • सिगरेट धूम्रपान दुनिया भर में तंबाकू के उपयोग का सबसे आम रूप है।

  • अन्य तंबाकू उत्पादों में वाटरपाइप तंबाकू, विभिन्न धुआँ रहित तंबाकू उत्पाद, सिगार, सिगारिलोस, रोल-योर-ओन तंबाकू, पाइप तंबाकू, बीड़ी और क्रेटेक्स शामिल हैं।

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तंबाकू महामारी दुनिया के अब तक के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है, जिसके कारण प्रति वर्ष 80 लाख से अधिक लोग मारे जाते है I 

भारत में स्थिति

  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (वर्ष 2019-21) के अनुसार, 15 वर्ष से अधिक आयु के 38% पुरुष और 9% महिलाएँ तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं।

  • अनुसूचित जनजाति से संबंधित महिलाएँ (19%) और पुरुष (51%) में किसी भी अन्य जाति/जनजाति समूह के लोगों की तुलना में तंबाकू का सेवन करने की अधिक संभावना होती है।

  • पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं में, शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों (पुरुषों के लिये 43 प्रतिशत और महिलाओं के लिये 11 प्रतिशत) में तंबाकू सेवन अधिक होता है।

  • यह भारत में मृत्यु और बीमारी के प्रमुख कारणों में से एक है और हर साल लगभग 1.35 मिलियन मौतों का कारण है।

  • भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक भी है।


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