आर वेंकटरमणि भारत के 15वें अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त

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केंद्र सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणि को तीन साल की अवधि के लिए भारत का 15वां महान्यायवादी नियुक्त किया है।

वेंकटरमणि 91 वर्षीय के के वेणुगोपाल का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त होगा।

वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी द्वारा 1 अक्टूबर से भारत के अटॉर्नी जनरल के रूप में लौटने से इनकार करने के बाद  भारत सरकार ने आर वेंकटरमणि को नियुक किया है।

भारत के पहले महान्यायवादी एमसी सीतलवाड़ (1950-1963) थे

भारत के महान्यायवादी

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 76 भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति का प्रावधान करता है।

महान्यायवादी के लिए  योग्यता

महान्यायवादी के पद के लिए नियुक्त व्यक्ति के पास वही योग्यता होनी चाहिए जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने के लिए आवश्यक है।

कार्यालय की अवधि

वह भारत के राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है। इसका मतलब है कि उन्हें राष्ट्रपति द्वारा किसी भी समय बर्खास्त किया जा सकता है।

महान्यायवादी का कार्य

वह भारत सरकार के पहले विधि अधिकारी हैं।

वह भारत के राष्ट्रपति को कानूनी सलाह देता है।

वह भारत सरकार की ओर से भारत के किसी भी न्यायालय में पेश हो सकता है

वह एक मंत्री के अलावा महान्यायवादी एकमात्र व्यक्ति है जो संसद के किसी भी सदन के सदस्य के हुए बिना उसकी कार्यवाही में भाग ले सकता है। हालाँकि वह संसद में मतदान नहीं कर सकता।


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