प्रधानमंत्री ने विश्व आर्थिक मंच के दावोस एजेंडा को संबोधित किया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 17 जनवरी 2022  को विश्व आर्थिक मंच के दावोस एजेंडा में ' स्टेट ऑफ द वर्ल्ड ' विशेष संबोधन दिया। डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक, जो दावोस के स्विस स्की रिसॉर्ट शहर में 50 वर्षों से हो रही है, कोरोनावायरस महामारी के कारण 2021 में नहीं हो सकी और इस वर्ष गर्मियों की शुरुआत तक टाल दी गई है।

उनके भाषण की प्रमुख बातें  

  • कॉप-26 सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने मिशन लाइफ (एल.आई.एफ.ई.) पेश किया था, जिसका उल्लेख देते हुये उन्होंने कहा कि लाइफ जैसी जनभागीदारी के अभियान को पी-3, यानी ‘प्रो प्लैनेट पीपुल’ का एक बड़ा आधार भी बना सकते हैं। लाइफ, यानी ‘लाइफ फॉर एनवॉयरेनमेंट’ हर स्थिति में ग्राह्य और सतत जीवनशैली की परिकल्पना है, जो जलवायु सम्बंधी भावी संकटों और अप्रत्याशित चुनौतियों से निपटने के लिये उपयोगी हो सकती है।
  • उन्होंने कहा कि "हम वैश्विक कार्बन उपयोग में 5 प्रतिशत का योगदान करते हैं लेकिन गैर-नवीकरणीय ऊर्जा को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की हमारी प्रतिबद्धता 100 प्रतिशत है।" भारत ने 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का लक्ष्य रखा है।
  • उन्होंने कहा कि भारत ने पूरी दुनिया को 'उम्मीद का गुलदस्ता' दिया है`। "गुलदस्ते में शामिल हैं - लोकतंत्र के प्रति विश्वास, 21 वीं सदी को सशक्त बनाने की तकनीक और हम भारतीयों की प्रतिभा और स्वभाव,"।
  • कोविड के समय में, हमने भारत के एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण को देखा, जिसने देशों को दवाएं भेजकर लाखों लोगों की जान बचाने में मदद की। भारत आज विश्व की औषधालय है।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का दावोस एजेंडा वर्चुअल समिट दुनिया भर के नेताओं और महत्वपूर्ण संस्थानों और संगठनों के प्रमुखों की मेजबानी करेगा जो चिंता के क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे और उन्हें दूर  करने के तरीके पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।

शिखर सम्मेलन में चिंता के तीन मुख्य क्षेत्र जलवायु कार्रवाई, महामारी सुधार, और आर्थिक और सामाजिक लचीलापन हैं।


WEF पर 21 दिसंबर 2021की पोस्ट देखें|

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